कुंडली मिलान

कुंडली मिलान कैसे करें?

शादी कोई बच्चों का खेल नहीं हो जो एक-दुसरे को पसंद किया और संत फेरे ले लिए। शादी पुरे रीती-रिवाजों और मान्यताओं का एक अटूट बंधन है।
इसकी शुरुआत कुंडली मिलान से होती है। इंसान के जीवन में शादी एक बार ही होती है।
शादी उन्हें सांत जन्मों तक साथ जोड़े रखती है। ऐसे में शादी के दौरान हर एक चीज का खासतौर पर ख्याल रखा जाता है।
शादी की शुरुआत में सबसे पहले कुंडली मिलाई जाती है। इसमें वर और वधु के गुण मिलाये जाते है। इसी के अनुसार बात आगे बढती है।
बड़े-बुजुर्गों का भी मानना है की अगर शादी को खुशहाल बनाना चाहते हो तो शादी कुंडली देखकर ही करें।
आईये जानते है कुंडली मिलान क्या है, कुंडली में कितने गुण मिलने जरुरी है, कौनसे दोष होते है और ऑनलाइन कैसे कुंडली मिलान किया जाता है?[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row]

कुंडली मिलान क्या है?

कुंडली मिलान हिन्दू रीती-रिवाजों में से शादी से पहले किया जाता है। यह एक सबसे ख़ास काम या अनुष्ठान है।
कुंडली मिलान में वर और वधु के सितारें, गुण और दोष मिलाये जाते है। यह उनके सुखी वैवाहीक जीवन के लिए ठीक है या नहीं इसके बारे में बताया जाता है।
इसमें कितने गुण होने पर सही रहता है बताये जाये है। कौनसे दोष बाधा डालते है, इसके बारे में भी बताया जाता है। जन्मतिथि और नाम के आधार पर दोनों की कुंडली बनाई जाती है।
आज के समय में एक सुखी रिश्ते और आपसी समझ के लिए कुंडली मिलान बहुत जरुरी है।[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row]

क्यों मिलाते है कुंडली?

  • वर और वधु के बीच आपसी सामंजस्य अच्छा और दोनों एक दुसरे को अच्छे से समझ सके।
  • दोनों का स्वास्थ्य अच्छा रहे। दोनों मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहे।
  • दोनों के बीच शारीरिक सुख अच्छे से हो।
  • दोनों में से किसी के साथ कुछ गलत ना हो।
  • दोनों को आर्थिक संकट का सामना ना करना पड़े।
  • दोनों को ही सन्तान सुख की प्राप्ति हो।
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कुंडली मिलान में कौन-कौनसे गुण होते है?

कुंडली मिलान के दौरान कुल 8 मुख्य गुण होते है
इन्हें क्रम से 1 से लेकर 8 नंबर तक अंक दिए जाते है जिसका टोटल योग 36 होता है
आपने घर में बड़े-बुजुर्गों से भी सुना होगा की 36 गुण कुल होते है और वे इस तरह से निकाले जाते है। आईये जानते है इन गुणों के बारे में।

वर्ण :-

वर्ण का अर्थ स्वभाव और रंग भी होता है।इसमें वर और वधु की जाती की तुलना की जाती है।
इसमें दुल्हे का वर्ण या तो दुल्हन के वर्ण के बराबर होना चाहिए या उससे अधिक।
यह गुण दोनों के शारीरिक और मानसिक स्थिति पर भी असर डालता है।

वश्य :-

यह गुण इस बात का निर्धारण करता है की दोनों में से कौन अधिक प्रभावी और नियन्त्रण करने वाला होगा।

तारा :-

इसमें दोनों के भाग्य की गणना तारों, नक्षत्रों और ग्रहों के अनुसार की जाती है। यह रिश्ते के आगे के भविष्य का निर्धारण करता है।

योनी :-

योनी का संबध सम्भोग से है। शादी के बाद मानसिक और शारीरिक दोनों तरह के सुख की जरूरत होती है। योनी से ही शारीरिक सुख मिलता है।
इसलिए यह गुण वर और वधु की स्वस्थ शारीरिक सम्भोग और संतुष्टि को बताता है।

गृह मैत्री :-

यह गुण होने वाले दम्पति के स्वभाव, मित्रता, प्रेम और मानसिक संबध को बताता है।

गण :-

यह गुण व्यक्ति की सामाजिक स्थिति को दर्शाता है।
इसके अलावा यह दोनों के व्यवहार, दृष्टिकोण और नजरिये को बताता है।

भकूट :-

इस गुण का संबध जीवन और आयु से होता है। इसमें शादी के बाद दोनों का साथ कितना रहेगा पता लगता है।
दोनों का आपसी संबध कैसा रहेगा इस बारे में बताया होता है।

नाड़ी :-

इस गुण का संबध सन्तान से है। दोनों के बीच में शारीरिक संबध से कैसी उत्पति होगी आदि का पाता इस पर निर्भर करता है।
यह अंतिम गुण है। यह सबसे ज्यादा अंक रखता है। इसलिए यह सबसे महत्वपूर्ण भी है।
यह गुण शादी के बाद पुरे परिवार के स्वास्थ्य को बताता है।[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row]

कुंडली मिलान के अनुसार शादी के लिए कितने गुण मिलने चाहिए?

एक खुशहाल वैवाहीक जीवन को जीने के लिए न्यूनतम 18 से 24 गुणों का मिलना जरुरी है।
अगर गुणों की संख्या 18 से कम है तो शादी के लिए मना किया जाता है।
अगर गुणों की संख्या 24 से भी उपर है तो दोनों का रिश्ता बहुत आनंदित और परेशानी मुक्त होता है।[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row]

कुंडली मिलान कैसे करें?

कुंडली मिलाने के लिए किसी अच्छे ज्योतिष के पास जाकर वर और वधु का नाम, जन्म तिथि, जन्म स्थान और जन्म का समय देना पड़ता है।
इन सबकी मदद से ज्योतिष कुंडली बनाता है।
कुंडली बनाने के बाद दोनों की कुंडलियों का अध्ययन किया जाता है।
इसे पता चलता है की इनके आगे आने वाला समय कैसा रहेगा।
एक बात का ध्यान रखें हमेशा सिद्द ज्योतिष के पास जाए।
राह चलते किसी भी पंडित के पास ना जाए। अन्यथा गलत जानकारी से आपकी आगे की जिंदगी बर्बाद हो सकती है।[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row]

कुंडली मिलान नाड़ी दोष क्या है?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुल 27 नक्षत्र होते है। इन्हे 3 नाड़ियों में बांटा गया है। यह है :आदि, मध्य और अंत्य।
अगर कुंडली मिलान करते समय वर या वधु दोनों आदि-आदि, मध्य-मध्य या अंत्य-अंत्य में आये तो उनमे नाड़ी दोष होता है।
ऐसे लोगों के अगर गुण भी ज्यादा मिले तो भी शादी नहीं कराई जाती है।
अगर ऐसे में इनकी शादी करा दी जाती है तो इनके रिश्ते नर्क समान हो जाते है।रिश्ता टूट भी जाता है।[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row]

कुंडली मिलान करने की ऑनलाइन वेबसाइट

नीचे हम आपको कुछ वेबसाइट के नाम दे रहे है उन पर जाकर आप नाम, जन्मतिथि, जन्मस्थान और जन्म के समय के आधार पर कुंडली मिलान कर सकते है।

  • astrologyfutureeye.com
  • astrosage.com
  • mpanchang.com

इन वेबसाइट पर जाकर आप मांगी गई जानकारी देकर कुंडली चेक कर सकते है।[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row]

कुंडली मिलान के लिए एप

सबसे पहले Google Play Store से AstroSage Kundli App डाउनलोड कीजिये।
अब इसमें हिंदी के लिए हिंदी भाषा सलेक्ट कीजिये। इसके होम पेज पर आपको सारे आप्शन मिलेंगे।
अगर आप कुंडली मिलान करना चाहते है तो कुंडली मिलान पर क्लिक कीजिये। इसमें नाम, जन्मतिथि, जन्म स्थान, जन्म का समय आदि भरें।
इसके मिलान दिखाइये पर क्लिक कीजिये।
इसके बाद आपके सामने कुंडली का पूरा विवरण आ जायेगा।आप इसे डाउनलोड भी कर सकते है।[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row]

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