groom on mare

शादी वाले दिन घोड़ी पर ही क्यों बैठता है दूल्हा?

भारत में अलग-अलग तरह के लोग रहते हैं जो अलग-अलग धर्मों में विश्वास रखते हैं और अपनी-अपनी रीतियों और रिवाजों में विश्वास रखते हैं।ऐसे ही विवाह में भी सभी धर्मों कीअपनी रीतियाँ और मान्यताएं हैं। हिंदू धर्म में भी कई रीतियां हैं जिन्हें लोग बहुत उत्साह से मनाते हैं लेकिन उन्हें मनाने के पीछे का कारण नहीं जानते। वैसे हो भारत में शादी को एक त्यौहार की तरह मनाया जाता है और इससे जुड़ीपरंपरा का लोग बहुत आनंद लेते हैं परन्तु इनका कारण बहुत कम लोग ही जानते हैं। ऐसी ही एक परंपरा है कि दूल्हा शादी में घोड़ी पर बैठकर आता है ।

घोड़ी ही क्यों?

विवाह में दुल्हे को किसी और जानवर पर ना बैठा कर घोड़ी पर ही क्यों बिठाया जाता हैं। यह प्रश्न कई लोगों के मन में आता है परन्तु इसका जवाब कुछ लोग ही जानते हैं। आइये इस बारे में और जाने ।

[/vc_column_text]

शौर्य की प्रतीक

प्राचीन काल से ही घोड़े को शौर्य का प्रतीक समझा जाता है। घोड़ा वीरता का भी प्रतीक माना जाता था। पुराने समय में योद्धा घोड़े को बहुत पसंद करते थे। घोड़े युद्ध में विशेष भूमिका रखते थे। घोड़े की सवारी उनकी वीरता को चार चाँद लगा देती थी।

राजाओं की पसंद

बहुत पुराने समय से ही घोड़े राज परिवार की पहचान समझी जाती रहीहै। सभी राजा इसी पर युद्ध लड़ने जाया करते थे क्योंकि घोड़े बहुत तेज़ दौड़ते है और वीरता का प्रतीक भी हैं। घोड़ों से राजाओं की शान होती थी। घोड़ों को शाही सवारी भी कहा जाता था। ऐसे ही दुल्हे को भी राजसी सम्मान दिया जाता है और विवाह के लिए घोड़ी पर बिठाया जाता है।

[/vc_column_text][vc_message icon_fontawesome=”fa fa-smile-o”]ये भी पढ़े आखिर क्यों पहनती है पंजाबी दुल्हन चूड़ा और कलीरें

[/vc_message]

श्री कृष्ण के विवाह में भी घोड़ा

माना जाता है कि महाभारत काल में श्रीकृष्ण जी ने घोड़े पर बैठकर रुक्मिणी के भाई से युद्ध किया था और फिर रुक्मिणी जी को भगा कर ले गये थे उसके बाद उनसे विवाह किया था। इसी प्रकार श्रीराम जी भी अपने विवाह में घोड़ी पर सवार होकर आये थे और सीता माता से विवाह किया था। इससे पता चलता है कि पौराणिक काल से ही घोड़े पर जाकर विवाह करने की परंपरा चल रही है।

चतुर एवं बुद्धिमान

घोड़े को भी चतुर एवं बुद्धिमान जानवरों की श्रेणी में गिना जाताहै। घोड़े देखने में बहुत शांत और सीधे लगते हैं परन्तु ये बहुत चतुर और समझदार होते हैं। इसी कारण से भी महाराजा इन्हें बहुत पसंद करते थे और घोड़ों पर शिकार करने भी जाया करते थे।

[/vc_column_text][vc_message icon_fontawesome=”fa fa-smile-o”]ये भी पढ़े शादी के कार्ड के लिए फनी बाल मनुहार

[/vc_message][content-egg module=Amazon template=grid] [/vc_column_text]

परिवार की बागडोर

घोड़ी दिखने में भले ही शांत हो परन्तु जब उसे संभालने की बात आती है तो बड़े–बड़ों के पसीने छूट जाते है क्योंकि घोड़ी बहुत चतुर और दक्ष होती है। घोड़ीको केवल कोई पूर्ण रूप से स्वस्थ एवं बलशाली व्यक्ति ही संभाल सकता है इसी वजह से ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति घोड़ी को संभाल सकता है वह पूरे परिवार की बागडोरभी आसानी से संभाल सकता है और परिवार को आसानी से नियंत्रित कर सकता है।

प्राचीन काल से प्रथा

इतिहास की गहराइयों में जाने पर यह स्पष्ट हो जाता है कि यह प्रथा अत्यन्त पुरानी है। पुराने ज़माने की पुस्तकों एवं अन्य सूत्रों से यह बात स्पष्ट होती सी लगती है कि दुल्हे द्वारा घोड़े पर बैठकर विवाह में जाने की प्रथा प्राचीन काल से चली आ रही है।

प्रसिद्ध कथाएं

यूँ तो इससे सम्बन्धित कई कथाएं हैं परन्तु एक कथा सबसे ज्यादा प्रचलित है। यहकथा सूर्य देवसे सम्बन्धित है। पुराणों के अनुसार सूर्य देव की चार संतानें थी –शनि देव, यम, यमी और तपती।उस समय सूर्य देव की पत्नी रूपा ने घोड़ी का रूप धारण किया था। इसलिए घोड़ी को उत्पत्ति का प्रतीक भी माना जाता है। शायद उसी समय से यह प्रथा प्रचलित है।

[/vc_column_text][vc_message icon_fontawesome=”fa fa-smile-o”]ये भी पढ़े : क्यों सिख धर्म में सिर्फ 4 ही फेरे होते है

[/vc_message][/vc_column][/vc_row]
[amazon box="B07CQ8FL7V,B07K5YRWDS,B077T6BJ7G,B077Q6ML95" grid="3"]
Previous Post
Wedding Day
Hindi शादी का मेन्यू शादी के कार्ड शादी के गाने शादी के गेम्स शादी के फोटोग्राफर

क्या होती है शादी? क्या शादी करना जरुरी है ?

Next Post
मैरिज एनिवर्सरी पर क्या गिफ्ट दे
Hindi Marriage Tips

पति के लिए सबसे अच्छा रोमांटिक उपहार, पति के लिए सालगिरह उपहार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!