मैट्रीमोनीयल साइट पर ढूंढे जीवनसाथी
पुराने समय मे लड़का या लड़की देखने दिखाने का चलन नही था। घर का कोई बुजुर्ग या गाँव का नाई रिश्ता बताता था और परिवार के छोटे सदस्य तथा लड़का इसके लिए हामी भर देते थे। लड़का लड़की जो भी, जैसे भी होते थे निभाए जाते थे। फिर चलन हुआ लड़के या लड़की को शादी से पहले देखने या मिलने का, और इस कार्य मे दोस्त और रिश्तेदार बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। रिश्तेदारों और दोस्तो के द्वारा ही लड़के या लड़की के परिवार में पूरी जानकारी ली जाती हैं। दरअसल रिश्ते कराने वाले ये रिश्तेदार दोनो परिवारों के जानकर होते है और इन्हें बिचौलिया कहा जाता है। लेकिन आजकल लोग रिश्ते मेट्री मोनीयल साइट्स पर ढूंढते है। पहले केवल वो लोग इससे जुड़ते थे जिनके रिश्ते होना मुश्किल हो रहा था। यहाँ तक कि इन साइट्स से रिश्ता देखने वालों का मज़ाक उड़ाया जाता था। लेकिन अब हाई मिडिल क्लास ये लेकर हाई क्लास सोसाइटी तक इसमे शामिल है। केवल साधारण लोग ही नही आई ए एस, हाई सेलेरी पैकेज वाले यहाँ तक कि एन आर आई भी इसी के द्वारा रिश्ते ढूंढ रहे है। रिपोर्टस के अनुसार 2017 मेट्रीमोनीयल साइट्स का बिज़नेस करीब 250 मिलियन का था। न्यू यॉर्क टाइम्स के अनुसार इंडिया में करीब 1500 से ज्यादा मेट्री मोनीयल साइट्स है।
मेट्रीमोनीयल साइट की जरूरत क्यो पड़ी?
आज के आधुनिक युग में लोगो के पास समय की कमी है, छोटे और एकल परिवार है। इसलिए रिश्तों के उस जमावड़े की कमी है जो एक दूसरे के घर मे विवाह लायक बेटा बेटी देखकर स्वयं से रिश्ते बताता है। लोग में एक दूसरे के प्रति ईर्ष्या की भावना चरम पर है, लोग अच्छे रिश्ते बताने की बजाय बने बनाए रिश्ते तोड़ने में लगे रहते है। हर कोई ये सोच रखता है कि फलाने की बेटी का रिश्ता मेरी बेटी से अच्छी जगह ना हो जाए। बिचौलिया बनने का मतलब बुराई मिलना, ऐसी कहावत कही जाती है। पहले कैसे भी हो रिश्ते निभा लिए जाते थे, लेकिन अब ऐसा नही है। रिश्तों में कड़वाहट जल्दी आती है जिसका नतीजा होता है कि दोनों पक्ष सबसे पहले बिचौलिए को गलत ठहराते है कि उसने सही रिश्ता नही बताया। इससे समय की बचत होती है दस जगह जाना और फिर भी रिश्ता ना जमना इससे पैसे और समय की हानि के साथ साथ निराशा भी घेर लेती हैं। मनमाफिक रिश्ते के लिए हजारों ऑप्शन मिलते है तो ज्यादा सोचना भी नही पड़ता। लोग धर्म जाति से ऊपर उठकर रिश्ते करने को तैयार है यदि सामने वाला पक्ष उन्हें अपने अनुकूल दिखता है। इसलिए निसंकोच हो लोग हर वर्ग हर तबके में अपने मे लिए मनोकूल रिश्ता देखते है वो भी बिना किसी दबाव के। नई पीढ़ी अपनी शर्तों पर जीने वाली पीढ़ी है, वो उसी के साथ जीवन बिताना चाहती है जिसके विचार प्रोफ़ेशन उससे मेल खाए। इसके लिए उसे अलग से मेहनत नही करनी पड़ती केवल अपनी मनमाफिक केटेगरी भरो और मनमाफिल रिश्ता ढूंढ लो।
मेट्रीमोनीयल साइट पर रिश्ते ढूंढते समय रखें इन बातों का ध्यान--
सही साइट्स चुने। इन साइट्स पर रजिस्ट्रेशन फीस लेकर आपकी प्रोफाइल रजिस्टर की जाती है। कोई कोई साइट्स फ्री रजिस्ट्रेशन भी करती हैं, ध्यान रखे फ्री रजिस्ट्रेशन के चक्कर मे किसी तरह के फ्रॉड में ना फंसे। खूब अच्छे से जाँच पड़ताल करके ही अपनी जानकारी साइट्स पर अपलोड करें।
प्रोफाइल चेक करे
सबसे पहले जिससे भी रिश्ते की बात सोच रहे है उसके सोशल मीडिया लिंक छाने। कब की तस्वीरे है, कैसी है, प्रोफाइल कब बनाया है, कुछ संदिग्ध तो नही है, फ्रेंड लिस्ट में किस तरह के लोग है। कुछ असमंजस हो तो सवाल करें, जवाब से संतुष्ट ना हो तो तुरन्त ब्लॉक कर दे।
पैसे को कहे ना
मान लीवाजिए आपको रिश्ता जम गया है, बातचीत भी आगे बढ़ रही है तभी अचानक सामने वाला पक्ष कोई मजबूरी या इमरजेंसी बताकर पैसे की मांग करता है। ऐसे में भुलकर भी पैसे का लेनदेन ना करे चाहे कितने ही कम पैसो की मांग की गई हो।
बैंक डिटेल भुलकर भी ना दे
अपने बैंक से जुड़ी कोई जानकारी यहाँ तक कि अपनी आर्थिक स्थिति भी शेयर ना करें। वो ईमेल आई डी जो बैंक से जुड़ी हो कभी ना बताए।
संदिग्ध लगे तो छोड़ दे
यदि सामने वाला पक्ष जल्दबाजी कर रहा है, ज्यादा पर्सनल होने की कोशिश कर रहा है तो बिना पूरी जानकारी के बात आगे ना बढ़ाए।
जासूसी करवाए
इसमे कोई गलत बात नही की बात आगे बढ़ने पर आप सामने वाले पक्ष की बताई हुई बातो की जासूसी करवाए। बहुत सी एजेंसी है जो फीस लेकर आपको सभी जानकारी उपलब्ध कराएगी। कोई बुरा माने तो मान सकता सकता है लेकिन ते जिंदगी भर का सवाल है औऱ बाद में पछताने से अच्छा है सजग रहे।
सही केटेगरी चुने
अपने हिसाब से केटेगरी चुने, आजकल एच आई वी, अधेड़, नपुंसक, ओवरवेट लोगो के लिए भी अलग से कैटेगरी बनी होती है। इससे आपके समय की बचत होगी।
आप क्या करें।
अपनी प्रोफाइल सही सही भरे। वर्क प्रोफाइल के बारे में बढ़ा चढ़ा कर ना लिखे। जो लिखे सीधे साफ शब्दों में लिखें, घूमा कर नही। अपनी हाइट कलर और आर्थिक स्थिति के बारे में झूठ ना लिखे। अपनी तारीफ की भरमार ना करे। फ़ोटो जरूरी हो तभी लगाई वरना पासवर्ड डाल दे।