आध्यत्मिक उपाय स्वच्छ मन से किये जाते है, आइए देखते है क्या है ये उपाय।[/vc_column_text]
- हर ब्रहस्पतिवार को स्फटिक की माला लेकर उजाल पाक अर्थात शुक्ल पक्ष में 3 माला करे और इस मंत्र का जाप करे
ॐ लक्ष्मी नारायणाय नमः - माँ दुर्गा की उपासना करें, माँ को लाल रंग का श्रृंगार चढ़ाए, जैसे लाल चूड़ियां, सिंदूर, बिंदी, चुनरी। लेकिन साथ ही लाल रंग का ध्वज भी चढ़ाए और सच्चे मन से मनचाहे वर के लिए प्रार्थना करे।
- सोलह सोमवार का व्रत करे, किसी योग्य आचार्य के साथ रुद्राभिषेक करे।
- कहीं से अगर आपको असली गौरी शंकर रुद्राक्ष मिलता है तो योग्य ब्राह्मण से उसकी प्राण प्रतिष्ठा करवाए, और शुक्ल पक्ष में पहन लें। पर ध्यान रहे रुद्राक्ष की जांच किसी जानकार से करा लें, नकली ना पहने।
- भगवान कृष्ण के मंदिर में जाकर मीठा पान और बांसुरी चढ़ाए, प्रेम के देवता आपकी मनोकामना जरूर पूरी करेंगे।
- यदि आप किसी से प्रेम करती है और उसी को वर रूप में मान चुकी है तो इसके लिए ओपल या डायमंड पहने, प्रेम सम्बन्ध विवाह तक का सफर तय करेंगे।
- अगर आप मांगलिक है तो मंगल दोष का निवारण जरूर कर ले, ताकि आपका मांगलिक होना बाधा ना बने।
- ऐसा माना जाता है कि यदि 28 वर्ष की उम्र के बाद जातक का विवाह किया जाए तो मांगलिक दोष नही लगता।
- सबसे सर्वोत्तम है की हनुमान जी की उपासना करें,शनिवार या मंगलवार को सुंदरकांड का पाठ सम्पुट लगाकर करें।
- मंगलवार को हनुमान उपासना के अलावा शिवलिंग पर कुमकुम चढ़ाकर,लाल मसूर की दाल और लाल गुलाब अर्पित करे।
- लाल कपड़े में लाल वस्तुए जैसे लाल मसूर,लाल फूल,लाल चंदन कुछ मीठा और पैसे बांधकर बहते जल में प्रवाहित करें।
- हर मंगलवार को चण्डिका स्त्रोत का पाठ करें।
- शनिवार को 16 बार पीपल की परिक्रमा कर पीपल को जल दे।
- मांगलिक दोष वाली कन्या या वर अपने सोने के कमरे को लाल रंग से पेंट करवाए,बिस्तर पर लाल रंग की चादर बिछाए।
- हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाए।
- गणपति जी की पूजा और हाथी दांत रखना भी एक उपाय है।
- कन्या मंगली है तो विष्णु प्रतिमा विवाह अर्थात भगवान विष्णु की मूर्ति से विवाह।
- कुम्भ विवाह अर्थात घड़े से विवाह तथा अश्वत्थ विवाह अर्थात पीपल से विवाह करने से मांगलिक दोष समाप्त हो जाते है।
- यदि वर मांगलिक हो तो पिलखन और अर्क विवाह का भी उपाय किया जाता है। जिसमे पिलखन या आक के पौधे से विवाह किया जाता है।
- वर लाल प्रिंट से छपी दुर्गा चालीसा का पाठ 108 बार करे। उसके बाद चंद्रमा की चांदनी में हवन करके परिक्रमा करें, फिर पुस्तक दान में दे तथा दक्षिणा दे।
- अपने हाथों में एक दो हरे रंग की चूड़ियां डाल लें, गुरुवार को पीले कपड़े पहने।
- विधिविधान से शिव पार्वती की पूजा करे, कुमकुम, सिंदूर, फल, मिठाई, बिल्वपत्र, अर्पण करें।
- क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभाय स्वाहा इस मंत्र का जप 108 बार करे।
- तो भगवानु सकल उरवासी।करही मोहि रघुबीर रघुबीर कै दासी ।।
जेहि के जेहि पर सत्य सनेहू ।। सो तेहि मिलई न कछु संदेहू ।।
कही भी, कभी भी जब समय मिले रामचरित मानस के इस दोहे का जाप करें - इसी प्रकार रामचरितमानस का एक और दोहा है जिसका प्रयोग आप पूरे दिन में कभी भी कर सकते हैं। इसका जाप करिए आपको मनचाहा वर जरूर मनचाहा वर जरूर मिलेगा जय जय गिरिवर राज किशोरी। जय महेश मुख चंद्र चकोरी।।
जय जगबदन षडानन माता। जगत जननी दामिनी दुखी गाता।। - ओम नमो मोहिनी महा मोहिनी अमृत वासनी स्वाहा
इस मंत्र का 108 बार जाप करे। - महामाये महायोगिन्यधीश्वरी नंद गोप सुतम देवी पतिं में कुरुतेनमः
21 दिन तक एक ही स्थान, एक ही आसन, एक ही समय पर इस मंत्र का 108 बार जाप करे। साथ ही शुद्ध सामग्री और घी से आहुति दे। - एक खरगोश पाले, खरगोश सफेद रंग का हो तो ज्यादा अच्छा है, उसे कन्या अपने हाथ से रोज कुछ खिलाए।
- सबसे आसान उपाय है कि वट वृक्ष अर्थात बरगद के पेड़ की 108 परिक्रमा करे।
- गणगौर का व्रत और पूजन करे।
- उजाल पाक अर्थात शुक्ल पक्ष के सोमवार को चांदी की ठोस गोली को पहले कच्चे दूध से फिर गंगाजल से स्नान कराए। फिर इस गोली के चांदी की ही चेन में बांधकर धूप दीप दिखाकर शिवलिंग से स्पर्श कराकर गले मे पहने ले। गरीबो को भोजन कराएं।
- हर ब्रहस्पतिवार को बेसन के लड्डू लेकर भगवान विष्णु के मंदिर में जाएं, भगवान विष्णु की मूर्ति को सेहरे के ऊपर लगने वाली कलगी चढ़ाए, लड्डुओं का भोग लगाएं।
- प्रत्येक ब्रह्स्पतिवार को नहाने के पानी मे एक चुटकी हल्दी और केसर डालकर नहाए।
- गाय को भोजन कराएं, उन्हें चारा, गुड़, भीगी चने की दाल दे,
- गुरुवार को दो इलायची ले, घी का दीपक ले, पंचमेवा व मिठाई ले, केले के पौधे की पूजा करते हुए 108 बार ब्रहस्पति ग्रह का जाप करे।
- यदि किसी विवाह समारोह में होने वाली दुल्हन से थोड़ी सी मेहंदी अपने हाथ पर लगवाए
- ब्रहस्पतिवार का व्रत रखें, ब्रह्स्पतिदेव की पूजा के लिए केले की जड़ पर पीले फूल, फल, हल्दी, गुड़ चने की दाल, जल चढ़ाएं। पीला भोजन करे, पीले वस्त्र पहने।
- कन्या सुबह नहा धोकर अपने हाथ से 108 बेसन के लड्डू बनाये, आकार आपकी इच्छा पर है। अब पीले रंग का बर्तन ले, उसमे पीले रंग का कपड़ा बिछाए, शिव मंदिर में जाकर शिव पार्वती की युगल पूजा करे। लड्डू और दक्षिणा ब्राह्मण को दान दे।
- शुक्रवार की रात को आठ छुआरे पानी मे उबाल, उस पानी को बिस्तर के पास रख ले और सुबह उठकर अर्थात शनिवार के दिन बहते पानी मे बहा दे।
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