शादी के बाद आने वाली परेशानियां

शादी के बाद आने वाली परेशानियां

शादी का लड्डू कहते हैं जो खाए वह पछताए और जो न खाए वह भी पछताए। क्या है ऐसे शादी के लड्डू में जिसे ना खाने वाला भी पछताता है और खाने वाला भी पछताता है। एक लड़के लड़की की जब तक शादी नहीं हुई होती तब तक उन दोनों में शादी का बहुत क्रेज होता है। शादी का मतलब उनके लिए अच्छे कपड़े पहनना, सुंदर दिखना और एक पार्टनर का साथ होना होता है लेकिन शादी की जिम्मेदारियों को वह अपने दिमाग से निकाल देते हैं। शायद या फिर उनका ध्यान उन बातों पर जाता ही नहीं है। फिर जब शादी के बाद उनके ऊपर सभी जिम्मेदारियां पड़ती है तो वह परेशान हो जाते हैं। हर घर में अलग तरह का वातावरण होता है तू शुरुआत में सभी को एडजस्टमेंट में थोड़ी दिक्कत है आती है तो आइए जानते हैं शादी के बाद क्या क्या परेशानियां आती हैं और उन से कैसे निपटा जा सकता है।

दूसरे परिवार को अपनाना

हर व्यक्ति के लिए चाहे वह लड़का हो या लड़की शादी के बाद अपने आपको थोड़ा बदलना पड़ता ही है। लड़कों के लिए यह थोड़ा आसान होता है क्योंकि उन्हें अपने घर में अपने हिसाब से रहना होता है। लेकिन लड़कियों के लिए तो उनकी पूरी लाइफ स्टाइल ही चेंज हो जाती है। उन्हें उस परिवार के हिसाब से रहना, खाना बनाना और खाना पड़ता है। कभी-कभी यह परिवर्तन इतने अलग होते हैं कि उस लड़की की वास्तविक जिंदगी ही बदल जाती है। ऐसे में दूसरे परिवार के सदस्यों का दायित्व है कि जिस तरह से वह अपने घर में आने वाले मेहमानों का स्वागत करते हैं उन्हें अपने रीति-रिवाज समझाते हैं। उसी तरह से नई बहू को भी धीरे-धीरे सीखने और समझने का मौका दें। उस पर एक साथ सारी जिम्मेदारियां न लाद दें। न तो उसकी कमियां ना निकाले और न ही उसे अपने घर की दूसरी बहू और बेटियों से कंपेयर करें।

शुरुआत में अगर रिश्तो में खटास पड़ जाती है तो वह सारी जिंदगी बरकरार रहती है साथ ही साथ उस लड़की के मानसिक तनाव का भी कारण बनती है। जिसके कारण वह अपनी किसी भी जिम्मेदारियों को अच्छी तरह से नहीं निभा पाती। लड़के लड़की को एक दूसरे का ध्यान रखना और एक दूसरे की भावनाओं को समझना आवश्यक है। लड़के को यह जानना बहुत जरूरी है कि लड़की उसी के कारण पूरे घर को छोड़कर आई है। इसलिए उस लड़की का ध्यान रखना और उस लड़की को अपने घर में सम्मान दिलाना उसका दायित्व है। इधर नई नवेली दुल्हन को भी उस घर को अपना समझना चाहिए और घर के रीति-रिवाजों का सम्मान करना चाहिए।

कामों में मदद न मिलना

जब एक लड़की शादी के बाद दूसरे घर में जाती है तो उसे घर की बहू बनाने के साथ ही घर की सारी जिम्मेदारियों की चाबी भी सौंप दी जाती है। उससे उम्मीद की जाती है की वह पहले दिन से ही घर की सारी जिम्मेदारी को सहर्ष निभाए और उसके किसी काम में कोई कमी ना हो। परिवार के सभी सदस्य शायद यह भूल ही जाते हैं कि वह लड़की उस घर में नया सदस्य है और उस परिवार के अनुसार उसे बदलने में थोड़ा समय लगेगा। अगर घर के सभी लोग अपने अपने कामों को खुद करें और जिस तरह से पहले वे एक-दूसरे की मदद करते थे उसी तरह से नए सदस्य को भी अपना मानकर उसकी हर काम में मदद कराएं तो शायद ससुराल नाम का जो डर का भूत है वह उस लड़की के दिमाग से थोड़ा कम होगा। वह सुकून से अपनी जिंदगी जी पाएगी।

घर और ऑफिस दोनों में सामंजस्य न बिठा पाना

शादी के बाद एक लड़की को घर और ऑफिस दोनों में से सामंजस्य बिठाने में बहुत मेहनत करनी पड़ती है। शादी से पहले और शादी के बाद की परिस्थितियों में जमीन आसमान का अंतर हो जाता है। जहां शादी से पहले कुछ काम करने पर उसे शाबाशी मिलती थी वही शादी के बाद रात दिन काम में लगे रहने पर भी उसके काम में कमियां निकाली जाती है। पति अगर ऑफिस से काम करता आता है तो वह बहुत थक जाता है और उसे आराम की जरूरत होती है। पत्नी घर में आते ही घर के कामों में जुड़ जाती हैं ऐसे में पत्नी के लिए घर और ऑफिस दोनों को संभालना बहुत मुश्किल हो जाता है ऑफिस में भी उसकी परफॉर्मेंस पर असर होने लगता है जिसके कारण वह खुद से भी नाराज रहने लगती है अगर वह सिंगल फैमिली में रह रही है तो उसके पति को उसकी घर के कामों में मदद कर आनी चाहिए और अगर वह जॉइंट फैमिली में रह रही है तो उसके पति के साथ साथ उनके घर वालों को भी उसे सपोर्ट करना चाहिए। लड़की को भी अपने आप को मानसिक रूप से इन सारी जिम्मेदारियों के लिए खुद को तैयार कर लेना चाहिए।

अपने आप को उपेक्षित महसूस करना

एक लड़की जब नए घर में आती है तो यह घर उसके लिए बिल्कुल अजनबी होता है। अगर उस घर में उसे प्यार और अपनापन ना मिले तो वह खुद को उपेक्षित महसूस करती है। सबको उससे बहुत सारी उम्मीदें होती हैं पर उस लड़की को अपने लिए भी समय नहीं मिलता। वह खुद अपने ही उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाती इसलिए वह चिड़चिड़ी होने लगती है। घरवालों और लड़के को चाहिए कि वह उसे अपनापन देने के साथ साथ उसे एक पर्सनल स्पेस भी दें। जिससे कि वह अपने मन मुताबिक अपने काम कर सके को लडके को चाहिए कि वह लड़की को अपनापन दे। लड़की को भी चाहिए कि वह नए परिवार में एडजस्ट होने का प्रयास करें। जिस तरह से उसे अपना पर्सनल स्पेस चाहिए उसी तरह से लड़के का भी एक पर्सनल स्पेस होना चाहिए जहां उसके माता पिता भाई बहन और दोस्त होते हैं। पत्नी और पति को एक दूसरे के रिश्तेदारों से और दोस्तों से अपना तो भरा व्यवहार करना चाहिए और दोनों को एक दूसरे का सपोर्ट करना चाहिए।

फाइनेंसियल उतार-चढ़ाव

शादी के बाद पति पत्नी को अपनी एक नई गृहस्थी बनानी होती है। इससे पहले वह अपनी बैचलर लाइफ एंजॉय कर रहे होते हैं। शादी के बाद परिस्थितियां बदल जाती हैं तो वही पैसा जो कल तक उनके लिए पर्याप्त था आज कम पड़ने लगता है। ऐसे में उन दोनों को पैनिक नहीं होना चाहिए। उन्हें सोच समझकर बजट बनाना चाहिए। उन्हे अननैसेसरी शॉपिंग से बचना चाहिए। कैरियर में आगे बढ़ने के विकल्पों पर ध्यान देना चाहिए।

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