विवाह दो तरह से होतेे हैं,
लव मैरिज व अरेंज मैरिज। अरेंज मैरिज में पहले लड़के व उसके परिवार को देखा जाता है। इसके पश्चात् वर पक्ष लड़की व उसके परिवार के लोगों को देखते हैं व सब कुछ पसन्द आने पर दोनों परिवारों में
विवाह की सहमति हो जाती है। इस प्रकार विवाह केवल दो आत्माओं का मिलन न होकर दो परिवारों का मिलन है। विवाह की सहमति होने पर एक सूक्ष्म सी रस्म की जाती है वह रोका सैरेमनी कहलाती है। रोका सैरमनी
सगाई से पहले होने वाली रस्म होती है।[/vc_column_text][vc_custom_heading text=”रोका मे लगने वाली सामग्री व रोका करने की विधि – steps to do for roka ceremony” font_container=”tag:h2।text_align:left।color:%23ff3399″]वर व वधु पक्ष में
सहमति होने पर यह रस्म की जाती है। यह
रस्म सगाई से पहले की जाती है इसमें टीके के लिए रोली, चावल,नारियल फल, मेवे और मिठाई चाहिए होती है। पहले वधु की माँ लड़के को टीका करती है व सामर्थ्यनुसार उसे गिन्नियां या रूपये देकर रोक लिया जाता है। फिर वर की माँ वधु को फल, मेवे, नारियल और मिठाई वधु के आचल मे देकर टीका करती है। और कुछ गहना पहनाकर या रूपये देकर रोक लेती है। इसका तात्पर्य है कि उस दिन से
वर व वधु का रिश्ता पक्का हो गया है। इसके पश्चात् वधु पक्ष की ओर से वर पक्ष के सभी लोगों की कुछ रूपये से मिलाई की जाती है व दोनों पक्ष एक दूसरे को फल व मिठाई देते हैं। फिर खान-पान व मौज मस्ती के साथ यह कार्यक्रम समाप्त होता है। इसके पश्चात् पण्डित से शादी की तारीख निकलवाई जाती है व विवाह से सम्बन्धित अन्य रीति-रिवाज किए जाते हैं। तीन दिन की या पाँच दिन की लगन लड़की वाले लिखवाते हैं व एक लगन वर के घर भेजी जाती है व दूसरी लड़की के मामा के यहाँ। लगन के बाद ही
अन्य रीति-रिवाज शुरू किए जाते हैं। लड़की के भाई लगन लेकर आते हैं तो उनका विदाई का टीका किया जाता है व थोड़ी मिठाई दी जाती है।[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row]
[amazon box="B07CQ8FL7V,B07K5YRWDS,B077T6BJ7G,B077Q6ML95" grid="3"]