- ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कुण्डली में मंगलिक दोष होने पर शादी जल्दी नही होती है। मंगलिक दोष के कारण आने वाली बाधा को दूर करने के लिए मंगलवार के दिन व्रत रखकर हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए। हनुमान जी को गेहूं के आटे एवं गुड़ से बने लड्डू का भोग लगाएं। हनुमान जी को सिन्दूर चढ़ाएं और रामायण के बालकांड का पाठ करें।
- शनि की प्रतिकूल स्थिति से भी विवाह में देरी होती है। शनि के कारण आने वाली बाधा को दूर करने के लिए प्रत्येक शनिवार को शिव लिंग पर काले तिल अर्पित करना चाहिए। शनिवार को काले कपड़े में साबुत उड़द, लोहा, काला तिल और साबुन बांधकर दान करने से भी जल्दी विवाह होता है।
- किसी कन्या की शादी नही हो रही हो तो उसमें अपनी क्षमता एवं श्रद्धा के अनुसार गुप्तदान करना भी बहुत फायदेमंद होता है। इससे जल्दी शादी होती है तथा वैवाहिक जीवन खुशहाल होता है। लेकिन दान की चर्चा कभी भी किसी से न करना चाहिए। कन्या की शादी में गुप्त दान करने से शनि एवं राहु के कारण विवाह में आने वाली बाधा समाप्त हो जाती है।
- माना जाता है कि घर में जब किसी की शादी हो रही हो तब दूल्हे का सेहरा लेकर सिर पर रखने से कुंवारे लड़के की शादी जल्दी होती है। कन्या को दुल्हन से सिर टकराना चाहिए। जिस कन्या की शादी में बार-बार बाधाएं आ रही हों उसे रात में तांबे के पात्र में जल भरकर विष्णु भगवान की मूर्ति या तस्वीर के सामने रखना चाहिए। सुबह ब्राह्ममुहूर्त में उस पात्र को लेकर खुले आकाश में चले जाएं। इस पात्र में रखे जल से मांग भरें और वापस पात्र को भगवान के सामने रख दें। इस बीच कोई टोके तो कुछ न बोलें। एक महीना तक ऐसा करने से विवाह के योग मजबूत हो जाते हैं।
- कभी भी अकेले शिव, राम या कृष्ण की पूजा नहीं करें। इससे विवाह में देरी होती है। विवाह में देरी से बचने के लिए शिव पर्वती, राम सीता अथवा कृष्ण राधा की युगल प्रतिमा की पूजा करें। आप जिन युगल की पूजा करें। पूजा के पश्चात उनकी चरणरज लेकर मांग भरें।
- शुक्रवार की रात्रि में आठ छुआरे जल में उबाल कर जल के साथ ही अपने सोने वाले स्थान पर सिरहाने रख कर सोयें तथा शनिवार को प्रात:स्नान करने के बाद किसी बहते जल में प्रवाहित कर दें। यह प्रयोग भी चमत्कारी है।
- कन्या जब किसी कन्या के विवाह में जाये और यदि वहां पर कन्या को मेहँदी लग रहे हो तो अविवाहित कन्या कुछ मेहँदी उस कन्या के हाथ से लगवा ले तो विवाह का मार्ग प्रशस्त होता है।
- जब घर के लोग शादी की बात करने जाएँ कन्या के विवाह की चर्चा करने उसके घर के लोग जब भी किसी के यहाँ जायें तो कन्या खुले बालों से, लाल वस्त्र धारण कर हँसते हुए उन्हें कोई मिष्ठान खिला कर विदा करे।
- गुरु ग्रह की पूजा के अतिरिक्त शिव-पार्वती का पूजन करने से भी विवाह की मनोकामना पूर्ण हो जाती हैं। इसके लिए प्रतिदिन शिवलिंग पर कच्चा दूध, बिल्व पत्र, अक्षत, कुमकुम आदि चढ़ाकर विधिवत पूजन करें।
- कुंडली में मंगल के कारण विवाह में विलंब होने पर चांदी का चौकोर टुकड़ा सदैव अपने पास रखें। विवाह शीघ्र होगा।
- ज्योतिषशास्त्र में गुरू को विवाह का प्रमुख कारक माना गया है। गुरू की स्थिति अनुकूल नहीं होने पर विवाह में देरी होती है। गुरू को अनुकूल बनाने के लिए गुरूवार के दिन पीला वस्त्र धारण करना चाहिए। चने की दान, केला, हल्दी एवं केसर का सेवन लाभप्रद होता है। संभव हो तो गुरूवार का व्रत भी कर सकते हैं।
- विवाह योग्य लोगों को प्रत्येक गुरूवार को नहाने वाले पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करना चाहिए। केसर का भी प्रयोग करना चाहिए।
- यदि ऐसे लोग गुरूवार को गाय को भोग यानी दो आटे के पेड़े पर थोड़ी हल्दी लगाकर थोडा गुड तथा चने की गीली दाल का भोग देना चाहिए।
- गुरूवार की शाम को पांच प्रकार की मिठाई के साथ हरी इलाइची का जोड़ा तथा शुद्ध घी के दीपक के साथ जल अर्पित करना चाहिए। यह लगातार तीन गुरूवार करना चाहिए। गुरूवार को केले के वृक्ष के समक्ष गुरु के 108 नामों के उच्चारण के साथ शुद्ध घी का दीपक तथा जल अर्पित करना चाहिए।
- बृहस्पति को देवताओं का गुरु माना जाता है इनकी पूजा से विवाह के मार्ग में आ रही सभी अड़चनें अपने आप ही समाप्त हो जाती हैं। इनकी पूजा के लिए गुरुवार का विशेष महत्व है। गुरुवार को बृहस्पति देव को प्रसन्न करने के लिए पीले रंग की वस्तुएं चढ़ानी चाहिए जैसे हल्दी, पीला फल, पीले रंग का वस्त्र, पीले फूल, केला, चने की दाल आदि । साथ ही शीघ्र विवाह की इच्छा रखने वाले युवाओं को गुरुवार के दिन व्रत रखना चाहिए। इस व्रत में खाने में पीले रंग का खाना ही खाएं, जैसे चने की दाल, पीले फल, केले खाने चाहिए। इस दिन व्रत करने वाले को पीले रंग के वस्त्र ही पहनने चाहिए।
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